क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान शिव हमेशा बाघ की खाल पर read more ही क्यों बैठते हैं?
चाय वाला प्रधानमंत्री बन गया.( नरेंद्र मोदी )
बिजनेस न्यूजट्रंप ऐसा कौन सा व्यापार करना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने शहबाज शरीफ की जगह असीम मुनीर को दावत दी?
एक समय हिमालय के जंगलों में कुछ ऋषि तपस्या करते थे। वे अपने ज्ञान पर गर्व करते थे और…
कर्म एक ऐसा सिद्धांत है जो भाग्य को समझने में मदद करता है। हम मानते हैं कि केवल हमारे कार्य ही कर्म हैं, जबकि हमारे द्वारा सोचे गए हर विचार और बोले गए हर शब्द भी कर्म के निर्माण में भूमिका निभाते हैं। “जैसा मेरा कर्म, वैसा मेरा भाग्य।” यही वह नियम है जो हर व्यक्ति के भाग्य को निर्धारित करता है। कर्म को समझना हमें यह समझने में मदद कर सकता है कि प्रत्येक कार्य, शब्द और विचार का एक परिणाम होता है और यह हमें बेहतर बनने के लिए प्रेरित करता है।
स्वास्थ्यमुंह की बदबू ने कर रखा है परेशान, आजमाएं ये घरेलू नुस्खे
सोनिया गांधी की फिर बिगड़ी तबीयत, दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती
Our biggest weak point lies in offering up. probably the most particular approach to realize success is usually to test only one additional time. — Thomas Edison
ये दोनों ही बड़ी विचित्र बातें हैं और अगर कोई ध्यान से सोचे कि मुझे अपने कर्मों पर ध्यान देना है या फिर मेरा भाग्य मुझे क्या देता है, इसका इंतजार करना है, ये भी एक बड़ी मुश्किल पहेली है, क्योंकि समय से पहले और भाग्य से ज्यादा कुछ नहीं मिलता।
हो सकता है फेल भी हो जाए
खुद को भाग्य के भरोसे वही छोड़ता है जो कर्म नहीं करना चाहता। कर्म करने से ही भाग्य बनता है। जिसको कर्म में जितना विश्वास है वह व्यक्ति उतना ही सक्सेस होगा। हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहने से न ही भाग्य साथ देता है और न कर्म ही होता है।
झालावाड़यूट्यूब पर पति को मारने की तरकीब खोजती पत्नी, फिर रात में सोते समय कर दिया बड़ा कांड
I believe in the majority of conditions luck prevails over labour or karma. I've observed lots of such individuals who had by no means been serious about their job and invested time aimlessly with good friends and continue to obtained excellent job.